फरियाद

 ए ख़ुदा तू ही बता माजरा यह क्या है

आदमी आदमी को मारे, सब तरफ दिखता सिर्फ खौफ है 

ना कोई किसी का बस नफरत की दीवार है,

इंसानियत तो भूल गए , पैसे से ही बस प्यार है






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