सुबह सवेरे जब साईं की मैं मूरत देखू, वोह मुस्कुराते हुए इशारा देते है, की खुशिओं से भरा यह दिन होगा, मैं भी बस एक वचन उनसे ले लेती हूं, कि सर पे हाथ मेरे सदा उनका होगा
आज कलम उठाई सोचा की क्या लिखूं, देखा की मेरे साईं की तस्वीर बन गयी, कागज़ पर जब साईं का नाम लिखा , तो जैसे मेरी तकदीर बन गई, जिन हाथो ने साई चरण छुए है, उन हाथो की लकीरें बदल गई
जब से साई का दर देखा है कोई औऱ दर देखा नही, दिया है मेरे साईं ने सब मुझे, कुछ औऱ अब चाहत नही, साईं के चरणों मे रहे दिन रात, इसके सिवा कुछ और ख्वाईश रही नही
सब कष्टो से बचाते है मेरी नैया पार लगाते है, जब कोई नही होता पास मेरे, मेरे साईं साथ निभाते हैं क्यू ना करु गुनगान साईं का, एक वही है जो हम भटकते इंसानो को सही राह पर लाते है
साई एक कसम सी खाई है तुमसे मिलना है अपनी तो कोई हस्ती नही पर तुमको पाना है, छू लो अगर आप साई पत्थर भी सोना बन जाये, पड़ा रहने दो युही हमें तो साई , आपके चरणों की धूल ही बनना है रहमत बरसती है साई की हमपर, साई नाम की लौ हर मन में जलाना है, हर घर में साई नाम हो, साईं साईं नाम की धूनी जलाना है